मोदी जी कल यानी 4 से 6 जुलाई को इस्राइल जा रहे हैं इस्राइल यानी कि छोटा भूकंप
इस्राइल अपने देश भारत के उत्तर प्रदेश से भी छोटा है मगर पूरी अरब कंट्री उससे भय खाती है 22 मुस्लिम अरब देशों से 7 साल तक अकेले लड़ता रहा
वहां आज आजाद भारत में पहली बार कोई भारतीय प्रधान मंत्री जा रहा है क्यों
जानते है राजनीति के कारण वोटबैंक के कारण जाने से डरते थे
वहां एक हप्ते से मोदी जी की स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं वहां के पीएम तथा न्यूज़ ने यहां तक कह दिया कि दुनिया के सबसे ताकतवर एवं बड़े नेता भारत आ रहें उनसे हमे बड़ी उम्मीदें है देखिये मोदी जी के लिए इस्राइल की दीवानगी जानिए भारत के लिए सबकुछ करने वाले इस्राइल के बारे में
भारत का सबसे सच्चा दोस्त अगर है तो वो है इस्राइल
इस्राइल की स्वतंत्रता के समय भारत ने इस्राइल को मान्यता नहीं दी
संयुक्त राष्ट्र में भारत फलीस्तीन के मुद्दे पर इस्राइल के खिलाफ हमेशा रहा है तथा संयुक्त राष्ट्र में इस्राइल भारत के साथ
1992 में जाकर भारत तथा इस्राइल के बीच कूटनीतिक सम्बन्ध स्थापित हुए फिर भी इस्राइल के सहयोग से ही हम 1962 में चीन से टक्कर ले सके थे
1965 में इस्राइल ने हमें चोरी छिपे हथियार दिये थे पाक से जंग के लिए
मगर सबसे बड़ी दोस्ती इस्राइल ने तब निभाई जब 1971 भारत -पाक युद्ध में उसका सबसे खास सहयोगी अमेरिका भारत को तबाह करने के लिए तथा पाक के समर्थन के लिए अपनी पूरी 7वी नोसेना बेड़ा भेज दिया था भारत से कूटनीतिक सम्बन्ध ना होते हुए भी भारत के लिए अपनी हथियारों की तिजोरी खोल दी थी और जरूरत की हथियार भारत को दी थी
कीजिये ऑनलाइन कमाई अपने मोबाइल से
इजरायल, भारत का मित्र देश रहा है। 1962 में भारत-चीन युद्ध, 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय इजरायल ने भारत को आधुनिक सैन्य तकनीक मुहैया कराई
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1999 के करगिल युद्ध में एक सैन्य जासूसी उपग्रह लीज पर देने के साथ भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ को दो जासूसी विमान भी बेचे।
1999 कारगिल युद्ध में भारत जब अपने बोफोर्स तोपों से गोले बरसा रहा था तो हमारी गोलों की स्टोर खत्म होने को हुई उस समय हमारा सहयोगी रूस भी कम ना आया क्योंकि हम परमाणु परीक्षण के कारण अमेरिका चीन आदि देशों का प्रतिबंध झेल रहे थें सो रूस अमेरिका के दबाव में हमे गोले नहीं दिए
हमें टैंक के गोले बनाने की तकनीक नहीं थी
उस समय सिर्फ इस्राइल ने ही हमे अपने स्टोर से गोले की सप्लाई की थी आज
हमे बराक 8 की टेक्नोलॉजी , ड्रोन , रडार आदि की सप्लाई तथा टेक्नोलॉजी दे रहा है
दोस्तों अगर आपको यह लेख अच्छ लगे तो इसका लिंक शेयर जरूर कीजिये गा व्हाट्सएप , फेसबुक आदि पे जय हिंद
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इस्राइल अपने देश भारत के उत्तर प्रदेश से भी छोटा है मगर पूरी अरब कंट्री उससे भय खाती है 22 मुस्लिम अरब देशों से 7 साल तक अकेले लड़ता रहा
वहां आज आजाद भारत में पहली बार कोई भारतीय प्रधान मंत्री जा रहा है क्यों
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वहां एक हप्ते से मोदी जी की स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं वहां के पीएम तथा न्यूज़ ने यहां तक कह दिया कि दुनिया के सबसे ताकतवर एवं बड़े नेता भारत आ रहें उनसे हमे बड़ी उम्मीदें है देखिये मोदी जी के लिए इस्राइल की दीवानगी जानिए भारत के लिए सबकुछ करने वाले इस्राइल के बारे में
भारत का सबसे सच्चा दोस्त अगर है तो वो है इस्राइल
इस्राइल की स्वतंत्रता के समय भारत ने इस्राइल को मान्यता नहीं दी
संयुक्त राष्ट्र में भारत फलीस्तीन के मुद्दे पर इस्राइल के खिलाफ हमेशा रहा है तथा संयुक्त राष्ट्र में इस्राइल भारत के साथ
1992 में जाकर भारत तथा इस्राइल के बीच कूटनीतिक सम्बन्ध स्थापित हुए फिर भी इस्राइल के सहयोग से ही हम 1962 में चीन से टक्कर ले सके थे
1965 में इस्राइल ने हमें चोरी छिपे हथियार दिये थे पाक से जंग के लिए
मगर सबसे बड़ी दोस्ती इस्राइल ने तब निभाई जब 1971 भारत -पाक युद्ध में उसका सबसे खास सहयोगी अमेरिका भारत को तबाह करने के लिए तथा पाक के समर्थन के लिए अपनी पूरी 7वी नोसेना बेड़ा भेज दिया था भारत से कूटनीतिक सम्बन्ध ना होते हुए भी भारत के लिए अपनी हथियारों की तिजोरी खोल दी थी और जरूरत की हथियार भारत को दी थी
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इजरायल, भारत का मित्र देश रहा है। 1962 में भारत-चीन युद्ध, 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध के समय इजरायल ने भारत को आधुनिक सैन्य तकनीक मुहैया कराई
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1999 के करगिल युद्ध में एक सैन्य जासूसी उपग्रह लीज पर देने के साथ भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ को दो जासूसी विमान भी बेचे।
1999 कारगिल युद्ध में भारत जब अपने बोफोर्स तोपों से गोले बरसा रहा था तो हमारी गोलों की स्टोर खत्म होने को हुई उस समय हमारा सहयोगी रूस भी कम ना आया क्योंकि हम परमाणु परीक्षण के कारण अमेरिका चीन आदि देशों का प्रतिबंध झेल रहे थें सो रूस अमेरिका के दबाव में हमे गोले नहीं दिए
हमें टैंक के गोले बनाने की तकनीक नहीं थी
उस समय सिर्फ इस्राइल ने ही हमे अपने स्टोर से गोले की सप्लाई की थी आज
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